नीरज सिंह हत्याकांड-पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह समेत 10 बरी

धनबाद : धनबाद के बहुचर्चित पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड में कोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुनाया. अदालत ने झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह समेत 10 आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. कोर्ट के फैसले पर केवल कोयलांचल ही नहीं, पूरे झारखंड की नजर टिकी हुई थी. आज सुबह से ही धनबाद का माहौल गर्म था. सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. संजीव सिंह को एंबुलेंस से धनबाद कोर्ट लाया गया. 21 मार्च 2017 की शाम को धनबाद की सड़कों पर गोलियों की तड़तड़ाहट हुई थी. जिसमें नीरज सिंह समेत चार लोग मारे गए थे.

धनबाद में बुधवार को सिंह मेंशन और रघुकुल के समर्थकों के आमने-सामने होने की संभावना को देखते हुए धनबाद पुलिस चौकस और चौकन्ना थी. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार संजीव सिंह को स्ट्रेचर पर कोर्ट के भीतर ले जाया गया. सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई थी. सिटी एसपी खुद कमान संभाले हुए थे. सुरक्षा में कहीं कोई चूक नहीं हो, इसकी व्यवस्था की गई थी. पूरी जांच पड़ताल के बाद ही किसी को कोर्ट परिसर में जाने दिया जा रहा था. इससे पहले जिला प्रशासन ने बुधवार सुबह 6:00 से रात 10:00 बजे तक निषेधाज्ञा लगा दी थी. दोनों पक्षों में किसी तरह का कोई टकराव नहीं हो, इसको देखते हुए पुलिस सचेत थी.

इस मामले में अभी हाल ही में जेल में बंद झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिली थी. उनकी जमानत में शर्त थी कि वह धनबाद में प्रवेश नहीं करेंगे, जब तक की ट्रायल कोर्ट उन्हें नहीं बुलाये. बता दें कई 21 मार्च “2017 को धनबाद के सरायढेला के स्टील गेट में नीरज सिंह, उनके पीए अशोक यादव, ड्राइवर घल्टू महतो और अंगरक्षक मुन्ना तिवारी की हत्या कर दी गई थी. इस घटना ने कोयलांचल को झकझोर दिया था. हत्याकांड में गोलियों की बारिश की गई थी. 21 मार्च ‘2017 को नीरज सिंह अपनी गाड़ी से अपने घर लौट रहे थे. इसी दौरान घात लगाए अपराधियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी. सैकड़ों राउंड फायरिंग की गई. घटनास्थल पर ही चारों लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद कोयलांचल में सन्नाटा पसर गया था. झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह ने थाने में सरेंडर किया था. इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था.आठ साल से अधिक समय के बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिली थी .

नीरज सिंह की हत्या के बाद 2019 में झरिया विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर उनकी पत्नी पूर्णिमा नीरज सिंह चुनाव लड़ी और संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह को पराजित कर दिया. कांग्रेस के टिकट पर वह 2019 में विधायक बनी. विधायक बनने के बाद भी दोनों परिवार में समय-समय पर टकराहट होती रही. झरिया को लेकर भी आरोप- प्रत्यारोप लगते रहे. इस बीच सूर्य देव बाबू के भाई पूर्व मंत्री बच्चा सिंह का बीमारी की वजह से निधन भी हो गया. बच्चा बाबू सिंह मेंशन से अलग पहले से ही रह रहे थे. रामधीर सिंह और सूर्य देव सिंह का परिवार सिंह मेंशन में रह रहा था. लेकिन बाद में रामधीर सिंह का परिवार भी अलग रहने लगा. इस बीच फिर 2024 का चुनाव आया. इस चुनाव में भी झरिया सीट पर पूर्णिमा नीरज सिंह और रागिनी सिंह के बीच आमने-सामने की चुनावी टक्कर हुई. चुनाव के इस रण में इस बार रागिनी सिंह ने बाजी मार लीऔर पूर्णिमा नीरज सिंह को उन्होंने पराजित कर दिया. रागिनी सिंह फिलहाल झरिया विधानसभा सीट से भाजपा की विधायक है.

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