एमडी ऑनलाइन तक पहुंचा साकची गोलचक्कर का ‘जाम’ जुस्को एमडी ने जिला प्रशासन से मिल समाधान का दिया आश्वासन

जमशेदपुर : शहर के प्रमुख गोलचक्करों में से एक साकची गोलचक्कर पर इन दिनों लगातार जाम की समस्या बनी रहती है, जिससे टाटा स्टील के अधिकारी हो या आम जनजीवन पूरी तरह से त्रस्त हैं. दिनभर जाम की समस्या बनी रहती जो आमलोगों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरनाक बना रहता है. खासकर देखा जाता है कि ऑटो चालकों की मनमानी चलती है. साकची गोलचक्कर की स्थिति देखने के बाद ऐसा लगता है कि वाहनों की बीच सडक़ पर ही पार्किंग की जगह हो. इन समस्याओं से निजात दिलाने के लिए व लोगों की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन की ओर से प्रयास तो किए जाते हैं लेकिन यह एक-दो दिनों तक चलता फिर स्थिति जस की तस बनी रहती है. गुरुवार को टाटा स्टील एमडी ऑनलाइन में भी साकची गोलचक्कर की स्थिति पर सवाल उठे. कंपनी के आई ब्लास्ट फर्नेस के कर्मचारी राजेश दुबे से कंपनी के एमडी को साकची गोलचक्कर की स्थिति पर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि जाम की समस्या से उनलोगों का सामना करना पड़ता है जिससे निजात दिलाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के लिए यह बड़ी असुरक्षा है. उनके सवाल का जवाब देते हुए टाटा स्टील यूटिलिटीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज लिमिटेड (पूर्व में जुस्को) के प्रबंध निदेशक रितुराज सिन्हा ने कहा कि जिला प्रशासन से बात कर इसे बेहतर करने का प्रयास करेंगे.
साकची गोलचक्कर पर जाम का सबसे बड़ा कारण ऑटो चालकों की अवैध पार्किंग को माना जाता है. साकची गोलचक्कर से लेकर आई हॉस्पिटल गोलचक्कर पर टेम्पो का दिन भर जमावड़ा लगा रहता है. सडक़ के किनारे हो या बीच सडक़ पर हो, सभी जगह यात्रियों को बैठाने के लिए एक के पीछे एक टेम्पो लगे रहते हैं. स्थिति यह है कि साकची गोलचक्कर पर थाना का चेकपोस्ट भी है. प्रतिदिन वाहनों की चेकिंग के लिए पुलिस तैनात रहती है लेकिन वे मूकदर्शक बनी रहती. स्थिति यह रहती कि साकची बाजार से निकलने वाले यात्रियों को बैठाने के लिए टेम्पो चालक उनके सामने वाहन लगाए रहते हैं लेकिन पुलिस कुछ भी बोलने को उन्हें तैयार नहीें रहती. कुछ लोगों का कहना है कि टेम्पो की भीड़भाड़ में दो पहिया वाहनों का जो बिना हेलमेट के रहते हैं उन्हें पकडऩे के ख्याल से पुलिस कुछ बोलने को तैयार नहीं रहती।
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पूर्व उपायुक्त ने की थी बेहतर पहल, पर नहीं सुधरी स्थिति
जिले के तत्कालीन उपायुक्त अनन्य मित्तल के नेतृत्व में 25 मार्च, 2025 को जिला व पुलिस प्रशासन के साथ यातायात व सडक़ सुरक्षा को लेकर बैठक हुई थी. बैठक में उपायुक्त ने जमशेदपुर शहरी क्षेत्र मेंं यायायात व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए अलग-अलग बिन्दुओं पर समीक्षा कर वरीय पदाधिकारियों को साकची गोलचक्कर पर ऑटो चालकों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए थे. उन्होंने सख्त निर्देश दिया था कि ऑटो चालक निर्धारित पार्किंग स्थल में ही ऑटो लगाएं व सवारी बैठाएं. उन्होंने अंडर एज व बगैर ड्राइविंग लाइसेंस के ऑटो चालकों की जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे. उन्होंने यातायात नियमों का उल्लंघन करने के बाद जुर्माना वसूलने का भी निर्देश दिया था. उसके बाद अधिकारियों ने टेम्पो चालकों को ड्रेस पहन कर ऑटो चलाने के निर्देश जारी किए थे. जिसके बाद अधिकतर चालक ड्रेस कोड का पालन कर रहे लेकिन अभी भी बहुत ऐसे हैं जो इसका पालन नहीं कर रहे.
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टाटा स्टील कर्मचारियोंं की भी दिखती लापरवाही
शहर की यातायात व्यवस्था में भले ही अवैध पार्किंग, वाहनों की बढ़ती संख्या जाम का कारण बन रहा हो लेकिन जहां तक टाटा स्टील के कर्मचारी की बात है तो उनमें भी बहुत ऐसे नजर आते हैं जो लापरवाही की हदें पार करते दिखते हैं. कंपनी के अंदर कर्मचारियों के लिए दो पहिया वाहनों की गति सीमा 35 किलोमीटर प्रतिघंटा है लेकिन जब वे सुबह में ड्यूटी जाते हैं या शाम में ड्यूटी से निकलते हैं तो कंपनी के बाहर कंपनी के अंडर की गति सीमा को भूल जाते हैं. वे अनियंत्रित वाहन चलाते हैं. सुबह में घर से देर निकलना व टाइम पर ड्यूटी पहुंचना उनके लिए चुनौती रहती है. महिला कर्मचारियों को लेकर इस तरह की बातें आती हैं कि वे हेलमेट के अंदर अपने मोबाइल फोन का ईयर बड रखकर बात करते हुए भी वाहन चलाती है. अब कंपनी के अंदर भी उनकी यह स्थिति रहती है या बाहर टाटा स्टील प्रबंधन के लिए कर्मचारियों की सुरक्षा का बड़ा सवाल खड़ा करता है.

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