अब 24 घंटे पहले बन जाएगा चार्ट, रेलवे का बड़ा कदम

; राजस्थान में शुरुआत भी हो गई

भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण बदलाव की शुरुआत की है। अब वेटिंग लिस्ट में होने वाले यात्रियों को उनकी टिकट की स्थिति ट्रेन रवाना होने से 24 घंटे पहले ही पता चल जाएगी। अभी तक यह जानकारी केवल 4 घंटे पहले मिलती थी। यह जानकारी रेलवे मंत्रालय ने बुधवार को दी। इस नई व्यवस्था का ट्रायल बीकानेर डिवीजन में 6 जून, 2025 से शुरू हो चुका है। यह कदम यात्रियों की आखिरी समय की अनिश्चितता को कम करने और यात्रा अनुभव को बेहतर बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
रेलवे बोर्ड के सूचना और प्रचार निदेशक दिलीप कुमार ने बताया, “हमने इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत बिकानेर डिवीजन में की है, जहां ट्रेन के रवाना होने से 24 घंटे पहले चार्ट तैयार किया जा रहा है। अभी तक यह चार्ट केवल 4 घंटे पहले बनाया जाता था।” उन्होंने कहा कि इस बदलाव का मकसद यात्रियों की उन चिंताओं को दूर करना है, जो वेटिंग टिकट होने के कारण अपनी यात्रा की योजना को लेकर अनिश्चित रहते हैं। रेलवे अधिकारी ने कहा, “अगर यात्रियों को पहले ही यह पता चल जाए कि उनका टिकट कन्फर्म हुआ है या नहीं, तो वे यात्रा की बेहतर योजना बना सकते हैं।” हालांकि, रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया कि यह नई व्यवस्था तभी नीति का हिस्सा बनेगी जब यात्रियों की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलेगी।
रद्द करने पर लगेगा जुर्माना

रेलवे अधिकारियों ने यह भी बताया कि टिकट कन्फर्म होने के बाद अगर यात्री उसे रद्द करते हैं, तो उन्हें रिफंड में बड़ी कटौती झेलनी पड़ सकती है।
वर्तमान कैंसिलेशन पॉलिसी के अनुसार:

अगर कोई कन्फर्म टिकट ट्रेन छूटने से 48 घंटे से 12 घंटे पहले रद्द किया जाता है, तो केवल 25 प्रतिशत राशि वापस मिलेगी।
अगर 12 घंटे से 4 घंटे पहले रद्द किया जाए, तो 50 प्रतिशत राशि ही वापस मिलेगी।
खाली सीटें तुरंत फिर से बुकिंग में जाएंगी

रेलवे अधिकारियों ने यह भी बताया कि किसी भी कारण से खाली होने वाली सीटों या बर्थ को करंट बुकिंग सिस्टम के माध्यम से फिर से यात्रियों को उपलब्ध कराया जाएगा।
नई व्यवस्था के फायदे

पहले से निश्चितता: यात्रियों को ट्रेन के प्रस्थान से 24 घंटे पहले अपनी टिकट की स्थिति (कन्फर्म, आरएसी, या वेटिंग) पता चल जाएगी, जिससे वे अपनी यात्रा की बेहतर योजना बना सकेंगे।

आखिरी समय की परेशानी कम: चार्ट पहले तैयार होने से यात्रियों को अंतिम समय में होने वाली अनिश्चितता और तनाव से राहत मिलेगी।

वैकल्पिक व्यवस्था का समय: अगर टिकट कन्फर्म नहीं होता, तो यात्री समय रहते दूसरी ट्रेन या परिवहन के अन्य साधनों का चयन कर सकेंगे।

रेलवे प्रबंधन में सुधार: चार्ट पहले तैयार होने से रेलवे को सीट आवंटन और रिजर्वेशन प्रक्रिया को और व्यवस्थित करने में मदद मिलेगी।

हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारतीय रेलवे के मौजूदा नियमों के अनुसार, वेटिंग लिस्ट टिकट वाले यात्रियों को रिजर्व कोच (स्लीपर या एसी) में यात्रा करने की अनुमति नहीं है। ऐसे यात्री केवल जनरल कोच में यात्रा कर सकते हैं। अगर कोई यात्री वेटिंग टिकट के साथ रिजर्व कोच में यात्रा करता पाया जाता है, तो उसे अगले स्टेशन पर उतार दिया जाएगा और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

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