India Pakistan Tension: पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद जिस तरह से भारत ताबड़तोड़ एक्शन ले रहा है, उससे युद्ध के बिना ही पाकिस्तान की कमर टूट गई है. भारत ने पहले सिंधु जल संधि रद्द किया, फिर चिनाब का पानी रोका, अब भारत झेलम के जल पर भी भारत शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है. बगलिहार बांध से जल प्रवाह रोकने के बाद चिनाब सूखने लगी है. उसमें पानी की मात्रा बहुत कम हो गई है. आतंकवादी हमले के बाद देश की जनता किस हद तक गुस्से में है, इस बात को आप इस बात से समझ सकते हैं कि चिनाब का जलस्तर कम होने के बावजूद जम्मू-कश्मीर के लोग परेशान नहीं हैं, बल्कि खुश हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कदम का समर्थन कर रहे हैं.
: भारत ने चिनाब नदी पर बगलिहार बांध के माध्यम से पानी के प्रवाह को रोक दिया है और झेलम नदी पर बने किशनगंगा बांध को लेकर भी इसी तरह के कदम उठाने की योजना बना रहा है. इस बीच चिनाव नदी का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें जलस्तर काफी कम दिखाई दे रहा है. बांध का गेट बंद होने से जम्मू-कश्मीर के अखनूर में भी चिनाब के जलस्तर में भारी कमी आई है. लेकिन इससे स्थानीय लोग चिंतित नहीं हैं, बल्कि सरकार के फैसले का समर्थन कर रहे हैं. न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत करते हुए स्थानीय लोगों ने कहा, हम नहीं चाहते कि पाकिस्तान को पानी की एक भी बूंद दी जाए. स्थानीय लोगों ने बताया, पहले चिनाब में 25 से 30 फीट पानी हुआ करता था, अब 2 फीट के करीब पानी बचा है.
चिनाब का पानी कम होने से पाकिस्तान पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
चिनाब का पानी रोके जाने से पाकिस्तान पर भारी असर पड़ने वाला है. चिनाब का पानी कम होने से पाकिस्तान की कृषि और पर्यावरण पर गहरा प्रभाव पड़ेगा. चिनाब का पानी पंजाब और सिंध प्रांतों में गेहूं, चावल और गन्ने जैसी प्रमुख फसलों की सिंचाई के लिए उपयोग होता है. पानी की कमी से फसल उत्पादन में भारी गिरावट आ सकती है, जिससे खाद्य की कमी आएगी और भुखमरी का खतरा बढ़ेगा. पाकिस्तानी किसानों ने चिंता जताई है कि पानी की कमी से देश का कृषि क्षेत्र थार रेगिस्तान में बदल सकता है.
बगलिहार बांध को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच लंबे समय से जारी है विवाद
बगलिहार बांध दोनों पड़ोसियों के बीच लंबे समय से विवाद का विषय रहा है. पाकिस्तान इस मामले में विश्व बैंक की मध्यस्थता की मांग कर चुका है. पाकिस्तान को किशनगंगा बांध को लेकर भी खासकर झेलम की सहायक नदी नीलम पर इसके प्रभाव के कारण आपत्ति है.
पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत ने दशकों पुरानी सिंधु जल संधि रद्द की
भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद दशकों पुरानी संधि को निलंबित करने का निर्णय लिया. इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें अधिकतर पर्यटक थे. विश्व बैंक की मध्यस्थता से की गई सिंधु जल संधि ने 1960 से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के उपयोग को नियंत्रित किया है.